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सोमवार, 28 अप्रैल || क्या आपका नाम स्वर्गीय पिता द्वारा बदला गया है?

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Apr 28
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः उत्पत्ति 32ः 22-29


उसे एक श्वेत पत्थर भी दूँगाय और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा‘
- प्रकाशितवाक्य 2ः17


पवित्र शास्त्र में अब्राहम पहला व्यक्ति था जिसका नाम बदलकर परमेश्वर द्वारा रखा गया था। उसका नाम उसके पिता तेरह ने अब्राम रखा था, जिसका अर्थ था ‘‘उत्तम पिता‘‘, लेकिन स्वर्गीय पिता ने उसका नाम बदलकर अब्राहम रख दिया, जिसका अर्थ, ‘‘बहुतों का पिता‘‘ है। तदनुसार, हम देखते हैं कि अब्राहम बाद में कई राष्ट्रों और जातियों, यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों का पिता बन गया। (उत्पत्तिः 17ः5) प्रभु ने उसकी पत्नी का भी नाम बदल दिया था। जन्म के समय उसका नाम सराय रखा गया था, लेकिन प्रभु ने उसका नाम बदलकर सारा रख दिया, जिसका अर्थ ‘‘राजकुमारी‘‘ था। (उत्पत्ति 17ः15) वह न केवल दिखने में बहुत सुंदर थी, बल्कि उसमें कुछ अनमोल गुण भी थे। उसने अपने पति का सम्मान किया और कठिन परिस्थितियों में भी वह उनके साथ खड़ी रहीं। आगे, हम याकूब के बारे में पढ़ते हैं। उसका नाम भी परमेश्वर द्वारा रख दिया गया था। याकूब का अर्थ ‘‘धोखा देने वाला‘‘ है। जब इसहाक की आँखें कमजोर हो गईं, तो याकूब ने उसे यह कहकर धोखा दिया कि उसका नाम एसाव है और उसने एसाव का सारा आशीर्वाद प्राप्त कर लिया। लेकिन, प्रभु ने उसका नाम बदलकर इस्राएल रख लिया, जिसका अर्थ, ‘‘वह परमेश्वर के साथ संघर्ष करता है‘‘ है। नये नियम में हम पतरस के बारे में पढ़ते हैं। उसके पिता यूहन्ना उसे शमौन कहते थे, लेकिन प्रभु ने उसका नाम बदलकर पतरस या सेफस रख दिया, जिसका अर्थ चट्टान होता है। मत्ती 16ः18 में, यीशु ने उससे कहा, ‘‘तू पतरस है और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा।‘‘


प्रिय दोस्तों, हमारे माता-पिता ने जन्म के समय हमें कुछ नाम दिया होगा। चाहे यह नाम कितना भी पवित्र क्यों न हो, मसीह की दृष्टि में हम सभी पापी हैं। लेकिन जब हम यीशु को अपने प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं, तो वे हमें शुद्ध करते हैं और एक नया नाम देते हैं। हम अब शैतान के नहीं, परमेश्वर की अपनी संपत्ति हैं। आइए हम इस तरह जिएं कि किसी भी तरह से परमेश्वर का नाम का अपमान न करें।
प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, आपने एक उद्देश्य से अब्राम, सारै, याकूब और शमौन का नाम बदल दिये। आपने उन्हें अपने राज्य कार्य में विशिष्ट भूमिकाएँ दीं। प्रभु, मैं एक पापी हूं, और जैसे ही मैं आपके पास आता हूं, मुझे अंदर और बाहर बदल दे, मुझे धर्मी बना दे और आपकी इच्छा के अनुसार मेरा उपयोग कीजिये। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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