सोमवार, 14 जुलाई || विश्वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी!
- Honey Drops for Every Soul

- Jul 14
- 2 min read
आत्मिक अमृत अध्ययनः रोमियों 8 : 9 - 11
‘‘परमेश्वर ने अपनी सामर्थ्य से प्रभु को जिलाया और हमें भी जिलाएगा।‘‘
- 1 कुरिन्थियों 6ः14
रोमियों 8ः10 में, पौलुस कहते हैं कि हमारा शरीर पाप के कारण मरा हुआ है, लेकिन 11वें पद में वे हमें एक अच्छी खबर देते है कि हमारा शरीर पुनर्जीवित होगा। ‘‘यदि उसी का आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया, तुम में बसा हुआ हैय तो जिसने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया, वह तुम्हारी नश्वर देहों को भी अपने आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है, जिलाएगा।“ 1 कुरिन्थियों 15ः23 में, पौलुस लिखते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति अपने क्रम में जी उठेगा, पहले मसीह जो पहला फल हैय फिर उनके बाद वे सभी जो उनके हैं। रोमियों 8ः11 में ‘‘यीशु को जिलाने वाले का आत्मा‘‘ वाक्यांश में सर्वनाम ‘‘उसे‘‘ पर ध्यान दें, यह पिता को संदर्भित करता है, आत्मा को नहीं। यह परमेश्वर पिता था जिसने यीशु को उठाया। और फिर भी यह आत्मा भी थी! जिस आत्मा ने चमत्कारिक ढंग से मरियम के गर्भ में यीशु के जीवन को जन्म दिया (मत्ती 1ः20) वही आत्मा है जो यीशु के मरने के बाद उसे जीवन देने में भी शामिल था! क्या यह रहस्यों का रहस्य नहीं है! 1 कुरिन्थियों 3ः16 में, पौलुस कहते है कि हम परमेश्वर के मंदिर हैं और परमेश्वर की आत्मा हम में वास करता है। जीवित परमेश्वर का आत्मा परमेश्वर के बच्चों में वास करता है। वे कभी-कभार आने वाला आगंतुक नहीं है। वे विश्वासियों में रहते है, न कि केवल क्षणिक भेंट करके बल्कि हमारे अंदर अपना “घर” बनाते है। और परमेश्वर की वही आत्मा जो यीशु में थी और जिसने यीशु को मृतकों में से जिलाया, वह हमें भी मृतकों में से जिलाएगी।
प्यारे दोस्तों, अभी भी जब हम इस धरती पर हैं, पवित्र आत्मा हमें पाप रहित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। हालाँकि हम पापी प्राणी हैं, वे हमें उसी शक्ति से भर देते है जिसने यीशु को मृतकों में से जिलाया और हमें पवित्र जीवन जीने में सक्षम बनाया है। यह कितना बड़ा प्रोत्साहन है!प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, आपकी पवित्र आत्मा हमेशा मुझमें वास करती है और मैं आपका मंदिर हूँ। जिस तरह मेरी आत्मा को आपकी आत्मा ने जीवित किया है, मुझे विश्वास है कि समय आने पर मेरा शरीर भी पुनर्जीवित हो जाएगा। आपके महान आश्वासन के लिए धन्यवाद। अपनी शक्ति से मुझे पवित्र जीवन जीने में सक्षम बनाइए। आमीन।




Comments