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शुक्रवार, जुलाई 25 || हर दिन परमेश्वर की स्तुति करें

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Jul 25
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः भजन संहिता 136



“लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें।” - भजन संहिता 107ः 31


      जब मैकनील जॉर्डन सौ साल के हुए, तो साक्षात्कारकर्ता ने उनसे उनकी लंबी उम्र का रहस्य पूछा। जवाब में उन्होंने कहाः ‘‘मेरे माता-पिता ने मुझे ईश्वरीय माहौल में पाला है और यही वजह है कि आज भी मुझे परमेश्वर पर बहुत भरोसा है। मुझे अपने परिवार के साथ रहना अच्छा लगता है, मैं हर सुबह धन्यवाद के साथ सादा खाना खाता हूँ।‘‘ उन्होंने आगे कहा, ‘‘जीवन और दीर्घायु के लिए मेरे नुस्खे सरल हैं - मैं अच्छा खाता हूँ, अच्छी नींद लेता हूँ, काफी चलता हूँ। हर रविवार को मैं कलीसिया जाता हूँ। लेकिन, मैं जहाँ भी हूँ ‘मैं परमेश्वर की स्तुति करता हूँ।‘ बस इतना ही, और यही मेरी जिंदगी है।‘‘ जब साक्षात्कारकर्ता ने उनसे पूछा कि वे स्वस्थ जीवन के बारे में भावी पीढ़ी को क्या सलाह देंगे, तो मैकनील ने खुशी से कहा, ‘‘हर दिन परमेश्वर की स्तुति करो!  दाऊद एक शक्तिशाली राजा था और उसे हर दिन अनेक समस्याओं का समाधान करना पड़ता था। फिर भी, वह परमेश्वर की स्तुति करने से नहीं चूका। आइए हम भी अपने सभी आशीर्वादों को गिनें और उनमें से प्रत्येक के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें और उनकी स्तुति करें। जब हम हर पल परमेश्वर की भलाई के बारे में सोचते हैं, तो हम खुशी से उनका धन्यवाद किए बिना नहीं रह सकते है। आज के पाठ में हम पढ़ते हैं कि भजनकार सृष्टि के दिन से ही प्रभु के महान कार्यों को कैसे याद करता है। वह उन अद्भुत दिनों के लिए उनका धन्यवाद करता है जिसमें उन्होंने इस्राएलियों को फिरौन और अन्य शक्तिशाली राजाओं से बचाया था। और अंत में वह उन्हें अब तक सहारा देने के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करता है। भजन 30ः12 में भजनकार कहता है, “हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं सर्वदा तेरा धन्यवाद करता रहूँगा।” और भजन 104ः33 में, भजनकार कहता है, “मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूँगाय जब तक मैं बना रहूँगा तब तक अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूँगा।” 


प्रिय मित्र, आइए हम हर रोज जितना संभव हो सके परमेश्वर की स्तुति करना शुरू करें। परमेश्वर से हमें मिलने वाले अनगिनत आशीर्वादों के लिए हमारे दिल कृतज्ञता से भर जाएँ।

प्रार्थनाः पिता परमेश्वर, मैं आपको अपने शक्तिशाली हाथ से सभी चीजों को बनाने के लिए धन्यवाद देता हूँ। मुझे अपनी छवि में बनाने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। मैं हर दिन आपसे मिलने वाले अनगिनत आशीर्वादों के लिए आपकी प्रशंसा करता हूँ। मैं यह नहीं कहूँगा कि मुझे मुश्किल से ही समय मिलता है, बल्कि मैं दिन के हर पल आपकी प्रशंसा करता हूँ। आमीन

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