शुक्रवार, 29 अगस्त || परमेश्वर के प्रतीक्षा कक्ष में
- Honey Drops for Every Soul

- Aug 29
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आत्मिक अमृत अध्ययनः रोमियों 4ः 18-22
‘मेरे दिन तेरे हाथ में हैंय‘ - भजन संहिता 31ः15
परमेश्वर के पास एक आदर्श योजना है जिसे वे हम सभी के जीवन में सही समय पर पूरा करते है। चूँकि हम उनके समय को नहीं जानते है, इसलिए हमें बस उन पर पूरे दिल से भरोसा करने की जरूरत है। जब अब्राहम अभी भी निःसंतान था, तो एक दिन परमेश्वर ने उसे दर्शन दिए, उसे आकाश दिखाया और कहा, ‘‘आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” ... तेरा वंश ऐसा ही होगा।‘‘ (उत्पत्ति 15ः 5) परमेश्वर ने अब्राहम को यह नहीं बताया कि वे उसे कब बेटा देंगे। अब्राहम इंतजार करता रहा। दस साल बीत गए, जब से परमेश्वर ने पहली बार उससे मुलाकात की और उसे बताया कि वे उसे आशीर्वाद देंगे और उसे एक महान राष्ट्र बनायेंगे। इस पल पर, उसकी पत्नी सारा अधीर हो गई। उसने सोचा कि वह परमेश्वर की मदद करेगी! उसने अब्राहम की पत्नी के रूप में हागर को देकर एक गंभीर गलती की। उसने सोचा कि वह उसके माध्यम से अपना परिवार बना सकती है। (उत्पत्ति (16ः2) लेकिन परमेश्वर झूठ बोलने या अपना मन बदलने वाला मनुष्य नहीं है। वे अपने प्रिय सेवक अब्राहम से किए गए वादे के प्रति वफादार थे। पंद्रह साल बाद, जब अब्राहम निन्यानबे साल का था, तब प्रभु उसके सामने प्रकट हुए और उन्होंने अपने वादे की पुष्टि की। उन्होंने सारा के जरिए उसे इसहाक दिया, भले ही उसने अविश्वास में काम किया हो। वे कितते वफादार परमेश्वर है! अब्राहम पच्चीस साल तक परमेश्वर के इंतजार में था! लेकिन वह निराश नहीं हुआ। प्रभु ने अपने वादे के हर शब्द को पूरा किया।
प्यारे दोस्तों, क्या आप परमेश्वर के प्रतीक्षा कक्ष में हैं? क्या आपको लगता है कि आप वहाँ बहुत लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं? परमेश्वर के पास एक योजना और समय है। जब आप उनके प्रतीक्षा कक्ष में होते हैं, तो वे वही करने के लिए तैयार हो रहे होते हैं जो उन्होंने आपसे पहले ही वादा किया है। आपको केवल उन पर भरोसा करना है। इसमें समय लग सकता है, लेकिन इस प्रतीक्षा अवधि में, आपका विश्वास बढ़ेगा, और आप परिपक्वता के नए स्तरों तक पहुँचेंगे। परमेश्वर की योजना या उनके समय के साथ हस्तक्षेप करना शुरू न करें। परमेश्वर से ज्यादा चालाक बनने की कोशिश न करें। उन पर भरोसा करें और उनका भरपूर आशीर्वाद पाएँ।प्रार्थनाः दयालु पिता, आप एक वफादार परमेश्वर हैं और आप अपना मन कभी नहीं बदलेंगे। आपने मुझसे जो वादा किया है, उसे आप जरूर पूरा करेंगे। मुझे आपके प्रतीक्षा कक्ष में बैठे-बैठे अधीर न होने दें, बल्कि भरोसा रखने दें कि मुझे जल्द ही आपका आशीर्वाद मिलेगा। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।
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