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शुक्रवार, 25 अप्रैल || परमेश्वर की प्रचुर कृपा

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Apr 25
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः 2 कुरिन्थियों 12ः7-10



‘उसके द्वारा हमें अनुग्रह और प्रेरिताई मिली कि उसके नाम‘ - रोमियों 1ः5


संत पौलुस न केवल एक महान मिशनरी थेय वे एक प्रेरित और कलीसिया नियोजक भी थे। ऐसा कहा जाता है कि पंद्रह साल से भी कम समय में, वह रोमन साम्राज्य के चार प्रांतों में कलीसिया स्थापित करने में सक्षम थे। पौलुस की सफलता का रहस्य यह था कि उन्हें परमेश्वर की कृपा प्रचुर मात्रा में प्राप्त हुई थी। 1 कुरिन्थियों 15ः9-10 में, पौलुस ने कबूल किया, ‘‘मैं प्रेरितों में सबसे छोटा हूँ वरन प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था। परंतु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूँ। उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआय” एक बार जब पौलुस ने प्रभु से उसके शरीर में लगे कांटे को हटाने की प्रार्थना की, तो प्रभु ने उससे वादा किया, ‘‘मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत हैय क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है।” और यह परमेश्वर की कृपा ही थी कि पौलुस बच गया और वह कठिन परिस्थितियों में भी मजबूती से खड़ा रहा। उन्हें आलोचनाओं, कठिनाइयों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी - अन्य सभी प्रेरितों की तुलना में अधिक, और यह सब परमेश्वर की कृपा के कारण था। परमेश्वर की कृपा हम लोगों के लिए भी उपलब्ध है, जो उनके लोग हैं। जब हम प्रभु की सेवा करने का संकल्प लेते हैं, तो वे हम पर प्रचुर मात्रा से अपनी कृपा बरसाते हैं। परमेश्वर हम पर किस प्रकार अपनी कृपा प्रदान करते हैं?


जब हमें अच्छे कार्य करने का अवसर मिलता है और जब हमें लगता है कि यह हमारी क्षमता से परे है, तो परमेश्वर हमें प्रचुर अनुग्रह देते हैं जो हमें मजबूत करेंगे। जब हम परमेश्वर के लिए अपने परिश्रम का ख़राब परिणाम देखकर निराश होने लगते हैं, तो उनकी कृपा हमें सहारा देती है। हमें जो काम दिया गया है उसे पूरी तरह से पूरा करने के बाद भी अगर हमें अपने आस-पास के लोगों से कोई मान्यता या सराहना नहीं मिलती है, तो परमेश्वर की कृपा हमें घेर लेती है और याद दिलाती है कि हमें स्वर्ग में एक बड़ा इनाम मिलेगा।


प्रिय मित्रों, क्या आप कठिनाइयों, विरोधों, निराशाओं और आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं? आज प्रोत्साहित हो जाओ, क्योंकि परमेश्वर की कृपा अब भी आपके लिए प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए, परमेश्वर की कृपा से सशक्त होकर साहसपूर्वक आगे बढ़ें।
प्रार्थनाः प्रेमी प्रभु, लोगों द्वारा मेरी आलोचना की जाती है, मुझे गलत समझा जाता है और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। मैंने सोचा कि कामध्धर्म प्रचार छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। यह याद दिलाने के लिए धन्यवाद कि आपकी कृपा मुझ पर हावी है और मुझे हर पल सशक्त बनाती है। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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