शुक्रवार, 21 मार्च || आत्मिक अमृत
- Honey Drops for Every Soul

- Mar 21
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अध्ययनः उत्पत्ति 28ः 10 - 22
प्रभु हमारे अकेलेपन में हमें प्रोत्साहित करते हैं
“यह स्थान क्या ही भयानक है! यह तो परमेश्वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं हो सकताय वरन् यह स्वर्ग का फाटक ही होगा।” ‘ - उत्पत्ति 28ः17
याकूब अपने पिता के घर से भाग रहा था क्योंकि उसने अपने भाई एसाव को धोखा दिया था और उसे अपने पिता के सभी आशीर्वाद विरासत में मिला था जो वास्तव में एसाव को मिलना चाहिए था। जल्द ही अंधेरा हो गया और याकूब कई डर के साथ एक कठोर पत्थर को अपना तकिया बनाकर सो गया। उसने एक सपना देखा जिसमें पृथ्वी पर एक सीढ़ी टिकी हुई थी जिसका शीर्ष स्वर्ग तक पहुंच रहा था, और परमेश्वर के स्वर्गदूत उस पर चढ़ रहे थे और उतर रहे थे। सीढ़ी के शीर्ष पर स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु खड़े थे। उन्होंने याकूब को यह चार गुना आशीर्वाद दिया - ‘‘मैं यहोवा।‘‘ ...मैं तेरे संग रहूँगा और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊँगाः मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूँ तब तक तुझ को न छोड़ूँगा।“ (उत्पत्ति 28ः13, 15) कितना प्रोत्साहन है! याकूब नींद से जाग उठा और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा। उसने मन्नत मानी, “यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करें और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहनने के लिये कपड़ा दे, और मैं अपने पिता के घर में कुशल क्षेम से लौट आऊंय तो यहोवा मेरा परमेश्वर ठहरेगा। और यह पत्थर जिसका मैं ने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन ठहरेगाः और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूँगा।“ (उत्पत्ति 28ः20-22) प्रभु ने याकूब की प्रतिबद्धता का सम्मान किया। जब याकूब अपने चाचा लाबान के घर में था तब उसने उसे बहुतायत से आशीर्वाद दिया। कई वर्षों के बाद जब याकूब अपने पिता के घर वापस लौटा, तो उसने गवाही दी, ‘‘जब मैंने इस यरदन को पार किया था तो मेरे पास केवल मेरी लाठी थी, लेकिन अब मेरे पास दो शिविर हो गए हैं!‘‘ प्रभु उस वादे, जो उन्होंने कई वर्ष पहले किया था, वे उसके हर शब्द के प्रति सच्चे थे ।
प्रिय मित्रों, आप सोच सकते हैं कि आप अकेले हैं। परन्तु आप जहां भी हों, प्रभु आपके साथ हैं। आप सोच सकते हैं कि आपने सब कुछ खो दिया है, लेकिन प्रभु आपको सब कुछ कई गुना वापस लौटा देंगे। आमीन।प्रार्थनाः सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मुझे कितनी बड़ी सांत्वना मिलती है जब मैं सोचता हूं कि मेरे अकेलेपन में आप मेरे साथ हैं। मेरा भविष्य अब मुझे निराशाजनक लगता है, लेकिन मुझे यकीन है कि आप मुझे कभी नहीं छोड़ेंगे, बल्कि वह सब कुछ बहाल करेंगे जो मैंने खो दिया है - रिश्ते, वित्त, स्वास्थ्य और बाकी सब कुछ। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।
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