शनिवार, 28 जून || प्रार्थना करो, प्रार्थना करो और प्रार्थना करो। हार मत मानो
- Honey Drops for Every Soul

- Jun 28
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आत्मिक अमृत अध्ययनः लूका 18ः1-18
“फिर उसने इसके विषय में कि नित्य प्रार्थना करना और हियाव न छोड़ना चाहिये, उनसे यह दृष्टांत कहाः” - लूका 18ः 1
प्रार्थना सबसे ज्यादा प्रोत्साहित की जाने वाली सेवा है, लेकिन दुख की बात है कि यह सबसे ज्यादा उपेक्षित है। ऐसे कई कारण हैं कि लोग प्रार्थना में सफल नहीं हो पाते, जिनमें से एक शैतानी विरोध है। जब हम प्रार्थना में घुटने टेकते हैं तो हम शैतान के विरोध को आकर्षित करते हैं। वह हर संभव तरीके से हमारा ध्यान भटकाने की कोशिश करता है, क्योंकि वह जानता है कि प्रार्थना उसके खिलाफ बनाया गया सबसे बड़ा हथियार है। कोई आश्चर्य नहीं कि जब हम प्रार्थना करते हैं, तो हम नरक के निरंतर हमले को आमंत्रित करते हैं। केवल अगर हम इस हमले का विरोध करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, तो हम युद्ध के मैदान में आगे बढ़ सकते हैं और शैतान को भगा सकते हैं। हमारी प्रार्थना में सुस्ती का दूसरा कारण इस दुनिया के भौतिकवाद के आगे झुकना है। खतरा तब होता है जब एक मसीही अपनी जीवन शैली में अधिक से अधिक सहज हो जाता हैय वह अंततः परमेश्वर के राज्य के काम में रुचि खो देता है। आत्मा से भरा जीवन धीरे-धीरे भौतिक चीजों के प्रति मूर्तिपूजक प्रेम से बदल जाता है।
प्रार्थना में दृढ़ता की कमी का तीसरा कारण तत्काल परिणाम की अपेक्षा है। हम ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ जीवन की गति नाटकीय रूप से तेज हो गई है। हालाँकि हमारी कुछ प्रार्थनाओं का उत्तर परमेश्वर तुरंत देते हैं, लेकिन ज्यादातर के लिए हमें विश्वास के साथ इंतजार करना पड़ता है। ‘‘प्रार्थना एक त्वरित, दर्द रहित काम नहीं है। प्रार्थना के लिए ‘‘पुश बटन‘‘ दृष्टिकोण का परिणाम मोहभंग होगा।‘‘ - एंड्रयू ब्रूनसन लिखते हैं। सच्ची प्रार्थना परमेश्वर के वादे से तब तक जुड़ी रहती है, जब तक कि उसे उत्तर न मिल जाए। प्यारे दोस्तों, आइए हम इन सभी बाधाओं को दूर करें और प्रार्थना में आगे बढ़ें। आइए हम बिना रुके प्रार्थना करें। आइए हम याद रखें कि प्रार्थना हमेशा जीत लाती है।प्रार्थनाः स्वर्गीय पिता, मैं प्रार्थना में विजय पाने की लालसा रखता हूँ। शैतान की चालाक चालों से मेरा ध्यान भंग न हो। भौतिकवाद मुझ पर हावी न हो। उत्तर मिलने में देरी मुझे थका न दे। प्रार्थना योद्धा के रूप में दृढ़ रहने में मेरी मदद करें। यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।
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