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शनिवार, 21 जून || प्रभु का जूआ उठाना आसान क्यों है?

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Jun 21
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः यशायाह 55ः 1-6



“हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो, मेरे पास आओय मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।“ - मत्ती 11ः28



         थके हुए और बोझ से दबे हुए, उन सभी के लिए जो कड़ी मेहनत करते हैं, जो लगातार मेहनत करते हैं, और जो शरीर और दिमाग से थके हुए हैं, यीशु उनके लिये आमंत्रण देते है। “मेरे पास आओ, मेरा जूआ उठाओ और मुझसे सीखो।” वे उन्हें प्रोत्साहित करते है कि उनका जूआ आसान होगा। यीशु ने क्यों कहा कि उनका जूआ आसान है? जूआ लकड़ी का एक ढांचा है जो बैलों को जोड़ता है। एक बार मार्क गाइ पीयर्स ने थके हुए और बोझ से दबे लोगों के लिए मसीह के निमंत्रण पर एक उपदेश दिया। जब उन्होंने अपना उपदेश समाप्त किया, तब मण्डली का एक आदमी उनके पास आया और कहा, “काश मुझे पता होता कि आप किस बारे में प्रचार करने जा रहे हैं, तो मैं आपको कुछ बता सकता था।” “अच्छा, क्या मैं अभी भी इसे पता कर सकता हूँ?” पीयर्स ने पूछा। उस आदमी ने पूछा, “क्या आप जानते हैं कि प्रभु का जूआ हल्का क्यों है, सर?” पीयर्स ने उत्तर दिया, “अच्छा, क्योंकि अच्छे प्रभु हमें इसे उठाने में मदद करते है, मुझे लगता है।” उस व्यक्ति ने आँखों में आँसू भरकर समझाया, “नहीं, सर। देखिए, जब मैं एक लड़का था, मैं बैलों को हाँकता था, और जूआ कभी भी उस तरह संतुलित नहीं होता था जैसा आपने कहा। मेरे पिता ऐसे जूए बनाते थे जो एक तरफ से दूसरे की तुलना में भारी होते थे। फिर आप देखिए, वह एक कमजोर बैल को एक मजबूत बैल के साथ जोड़ देते थे, हल्का सिरा कमजोर बैल पर आता था, और भारी सिरा मजबूत बैल पर। इसलिए जूआ आसान था और कमजोर बैल के लिए बोझ हल्का था। प्रभु का जूआ भी उसी पैटर्न के अनुसार बनाया गया है और भारी सिरा उनके कंधे पर है।” तब पीयर्स को बहुत स्पष्ट रूप से समझ में आया कि यीशु ने थके हुए और भारी बोझ से दबे मजदूरों से ऐसा क्यों कहा।

   

  प्यारे दोस्तों, यीशु आपको और मुझे भी बुलाते है, जो चिंताओं के बोझ से दबे हुए हैं। आइए हम उनके करीब आएं। वे हमारी थकी हुई आत्माओं को आराम देने के लिए तैयार है। आइए हम उनका जूआ अपने ऊपर लें। हमें डरना नहीं चाहिए कि यह भारी होगा, क्योंकि वे कोमल और दयालु है। वे भारी बोझ को अपने ऊपर ले लेते है। हमें कठिन रास्तों से नहीं डरना चाहिए, बल्कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए और लगन और खुशी से काम करना चाहिए।

प्रार्थनाः सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मैं इस जीवन के बोझ और चिंताओं को सहते-सहते थक गया हूँ। मैं आराम चाहता हूँ और आपके पास आता हूँ। मैं आपसे जूआ उतारना चाहता हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ कि आप कोमल और दयालु हैं और आपका जूआ सहना आसान है। मुझे अपने राज्य के काम में इस्तेमाल करें। यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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