रविवार, 30 मार्च || आत्मिक अमृत
- Honey Drops for Every Soul

- Mar 30
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अध्ययनः इफिसियों 6ः 10-18
आगे बढ़ो ईसाई सैनिकों
‘‘सचेत हो, और जागते रहोय क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है कि किस को फाड़ खाए‘‘ - 1 पतरस 5ः 8
हम हमेशा संघर्ष में रहते हैं - दुनिया, हमारी शारीरिक प्रकृति और शैतान के विरुद्ध। वाल्टर मार्टिन के अनुसार, निम्नलिखित चार सिद्धांत हमें ईसाई सैनिकों के रूप में आध्यात्मिक युद्ध में विजयी होने में मदद करेंगे।
सबसे पहले, हमें कठिनाई को सहना सीखना चाहिए। (2 तीमुथियुस 2ः 3) यदि हम यीशु के सैनिक बनना चाहते हैं, तो हमें अपनी आध्यात्मिक मांसपेशियों को मजबूत करने और अपनी आध्यात्मिक सजगता को बढ़ाने की आवश्यकता है। हमें दुश्मन का जवाब देने में सक्षम होना चाहिए। यदि हम आध्यात्मिक लड़ाई का जवाब देने में सक्षम नहीं हैं, तो हम आध्यात्मिक रूप से घायल हो जाएँगे। अपनी आध्यात्मिक मांसपेशियों को मजबूत करने और कठिनाई को सहने की कुंजी परमेश्वर के वचन में शक्ति पाना है। हमें इसे कभी नहीं भूलना चाहिए। यदि हम पवित्र शास्त्र को अनदेखा करते हैं, तो हम प्रभु यीशु मसीह को अनदेखा कर रहे हैं, और यदि हम मसीह को अनदेखा कर रहे हैं, तो हम अपनी स्वयं की सुरक्षा को अनदेखा कर रहे हैं। दूसरा, ‘‘सचेत हो और जागते रहो।‘‘ (1 पतरस 5ः 8) एक नींद में डूबा हुआ, सफल सैनिक जैसी कोई चीज नहीं होती है। नींद में डूबा हुआ सैनिक ‘‘मृत‘‘ सैनिक होता है। केवल जब एक सैनिक सतर्क होता है, तो वह आध्यात्मिक रूप से दुश्मन के सूक्ष्म हमलों को पहचान और उनका विरोध करने में सक्षम होगा। तीसरा, हमें मसीह में विश्वास बनाए रखना चाहिए। आध्यात्मिक संघर्ष में जीत के लिए विश्वास बिल्कुल जरूरी है। 1 यूहन्ना 5ः 4, 5 कहता है, ‘‘क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह संसार पर जय प्राप्त करता हैय और वह विजय जिस से संसार पर जय प्राप्त होती है हमारा विश्वास है। संसार पर जय पानेवाला कौन है? केवल वह जिसका यह विश्वास है कि यीशु, परमेश्वर का पुत्र है।‘‘ जब हमें यीशु मसीह और उनके वादों पर विश्वास होता है, तो वे हमें युद्ध जीतने के लिए सशक्त बनाते हैं और हमें ‘‘विजेता‘‘ बनाते हैं। चैथा, हमें आध्यात्मिक कवच पहनना चाहिए। (इफिसियों 6ः11) दिलचस्प बात यह है कि इस कवच में वर्णित हर टुकड़ा शरीर के सामने के हिस्से के लिए है और पीछे के हिस्से के लिए कोई टुकड़ा नहीं है। क्यों? क्योंकि, सैनिक पीछे नहीं मुड़ते, बल्कि आगे बढ़ते हैं।
प्यारे दोस्तों, आइए हम विजयी सैनिक बनें और याद रखें कि जीत हमेशा हमारे प्रभु यीशु मसीह के माध्यम से ही मिलती है।प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मेरी मदद करें कि मैं आप से ज्यादा लोगों की प्रशंसा या स्वीकृति न चाहूँ। जब लोग मेरे द्वारा किए गए अच्छे काम को स्वीकार करने में विफल होते हैं, तो मुझे इसके बारे में बड़ा बवाल मचाने से रोकने में मदद करें। क्योंकि आप ही हैं जो मुझे पुरस्कृत करते हैं। यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।प्रार्थनाः अब्बा पिता, मेरी आध्यात्मिक मांसपेशियों को हमेशा स्वस्थ रखने में मेरी मदद करें। मुझे दुश्मन के सूक्ष्म हमलों को पहचानने के लिए सतर्क रहने दें। मुझे हमेशा आप पर अपना विश्वास रखने दें और आध्यात्मिक कवच से सुरक्षित रहने दें। यीशु, कप्तान के साथ मुझे हमेशा आगे बढ़ने दें और शैतान पर विजय प्राप्त करने दें। आमीन।
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