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मंगलवार, 29 जुलाई || शिकायत मत करो! धन्यवाद दो!!

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Jul 29
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः 2 शमूएल 22ः 1-20



“इस्राएल का परमेश्वर आदि से अनन्तकाल तक धन्य है आमीन, फिर आमीन।” 

- भजन संहिता 41ः13

     

शब्द ‘‘थैंक्सगिविंग‘‘ ग्रीक शब्द ‘‘यूचरिस्टिया‘‘ से आया है, जिसका अर्थ है - परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता, आराधना के कार्य के रूप में आभार होना। 2 शमूएल 22ः50 में, दाऊद ने कहाः ‘‘इस कारण, हे यहोवा, मैं जाति के सामने तेरा धन्यवाद करूंगाय और तेरे नाम का भजन गाऊंगा।‘‘ दाऊद ने ये शब्द तब लिखे जब वह राजा शाऊल के हाथों से मुक्त हुआ था। यह परमेश्वर की भलाई की उसकी सुंदर गवाही थी। यहाँ उसने विस्तार से बताया कि कैसे प्रभु ने उसे शाऊल से बचाया और कैसे उन्होंने उसे जीत दिलाई। वचन 51 में, उसने गवाही दी, ‘‘वह (प्रभु) अपने ठहराए हुए राजा का बड़ा उद्धार करता है, वह अपने अभिषिक्त दाऊद, और उसके वंश पर युगानुयुग करुणा करता रहेगा।‘‘ और भजन संहिता 18ः46 में, उसने विजयी होकर कहा, ‘‘यहोवा परमेश्वर जीवित है! मेरी चट्टान धन्य है, और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ाई हो।‘‘ वास्तव में, शाऊल ने दाऊद का शिकार किया था और दाऊद के जीवन पर कई बार प्रयास किए गए थे। लेकिन, देखिए दाऊद ने किस तरह जवाब दियाः “मैं यहोवा का धन्यवाद करूँगा और उसके लिए गाऊँगा।”

प्रिय मित्रों, हम सभी अपने जीवन में विभिन्न परीक्षणों और कठिनाइयों का अनुभव करते हैं। फिर भी, इन सबके बीच हमें अपनी असफलताओं के बारे में शिकायत करने के बजाय धन्यवाद देने का अभ्यास करना चाहिए। परमेश्वर के एक सेवक ने कहाः ‘‘मुझे बहुत चिंता है कि इक्कीसवीं सदी के ईसाई कृतज्ञता और धन्यवाद देने के मामले में प्रभु के प्रति उदासीन हो गए हैं।“ हम अक्सर उन सिद्धांतों को त्याग देते हैं जिन्हें पवित्र शास्त्र हमें विकसित करने के लिए कहती है। धन्यवाद के दृष्टिकोण का अभ्यास करने से हमें सोचने के अधिक स्वस्थ पैटर्न विकसित करने में मदद मिलेगी। इस जीवन की चिंताएँ हर ईसाई के दिमाग पर लगातार हावी होने वाली चुनौती हैं, लेकिन हमें इसे खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए। इसके बजाय, हमें अपनी सारी चिंताएँ उन पर डाल देनी चाहिए जो हमारी परवाह करते है और उन सभी आशीर्वादों के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहिए जो हमें पहले से ही उनसे मिले हैं।

प्रार्थनाः सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मुझे एक आभारी रवैया विकसित करने में मदद करें। मुझे अपने खराब स्वास्थ्य, या अपने असुविधाजनक घर, या अपने विद्रोही बच्चों, या अपनी खराब वित्तीय स्थिति के बारे में शिकायत न करने दें। लेकिन मुझे उन सभी अच्छाइयों के बारे में सोचने दें जो आपने मेरे जीवन में दी हैं और मुझे आपकी प्रशंसा करने दें। यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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