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मंगलवार, 29 अप्रैल || हिम्मत रखो! प्रभु तुम्हें देखते है!

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Apr 29
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः यूहन्ना 1ः43-51


“इस से पहले कि फिलिप्पुस ने तुझे बुलाया, जब तू अंजीर के पेड़ के तले था, तब मैं ने तुझे देखा था।” - यूहन्ना 1ः48


परमेश्वर हममें से प्रत्येक को देखते है, भले ही हम दुनिया के सबसे सुदूर कोने में हों। वे यह भी जानते है कि हम किन परिस्थितियों में हैं। वे हमारी सहनशक्ति से अधिक हमारी परीक्षा नहीं लेंगे, बल्कि वे सही समय पर हमें छुटकारा प्रदान करते है। लिआ को उसका पति याकूब प्यार नहीं करता था। उत्पत्ति 29ः31 कहता है, “जब यहोवा ने देखा कि लिआः अप्रिय हुई, तब उसने उसकी कोख खोली। अतः लिआः गर्भवती हुई।“ प्रभु दुःख के उन मार्गों को जानते हैं जिनसे हम गुजरते हैं। जब मिस्र में फिरौन ने इस्राएलियों के साथ दासों जैसा व्यवहार किया और जब वे अपने दर्द से कराह उठे, तो प्रभु ने उन्हें छोड़ा नहीं । उसने कहा, “मैं तुम पर और तुम से जो बर्ताव मिस्र में किया जाता है उस पर भी चित्त लगाया है।“ (निर्गमन 3ः16) उसने उन्हें छुड़ाने के लिए मूसा को भेजा। 2 राजाओं 14ः26 भी कहता है, ‘‘यहोवा ने इस्राएल का दुख देखा कि बहुत ही कठिन है, वरन क्या बँधुआ क्या स्वाधीन कोई भी बचा न रहा, और न इस्राएल के लिये कोई सहायक था।“ और उन्होंने यारोबाम के हाथ से उन्हें बचाया। जब हम अपनी सीमा से अधिक कष्ट सहते हैं तो प्रभु देखते हैं। मरकुस 6ः47-51 में, शिष्य तेज हवा के विरुद्ध अपनी नाव को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे। यीशु ने उन्हें देखा, उनके पास गये और हवा के साथ-साथ उनके परेशान मन को भी शांत किया। प्रभु हमारी आस्था को देखते हैं और उसका सम्मान करते हैं। मरकुस 2ः5 कहता है कि, यीशु ने उन लोगों के विश्वास को देखा जो एक लकवाग्रस्त व्यक्ति को उपचार के लिए अपने पास लाए थे। उन्होंने उसे तुरंत ठीक करके उनके विश्वास का सम्मान किया। जब हम अत्यधिक पीड़ा और दुःख में होते हैं तो प्रभु हमें देखते हैं। जब उन्होंने उस विधवा को देखा जिसका बेटा मर गया था, तो उनका दिल उस पर आ गया और उन्होंने कहा, “मत रो!” उन्होंने लड़के को मृतकों में से जीवित कर दिया।


प्रिय मित्रों, क्या आपको लगता है कि प्रभु ने आपको त्याग दिया है? दिल थाम लो! वे आपकी समस्या के ठीक बीच में आपको देखते है और निश्चित रूप से वे आपका उद्धार करेंगे।
प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मुझे यह जानकर कितनी सांत्वना मिलती है कि आप मुझे हर पल देखते हैं और आप निश्चित रूप से मुझे इस पीड़ादायक स्थिति से बचाएंगे जिसमें मैं अभी हूं। आप एल-रोई हैं, इसके लिए धन्यवाद। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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