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बुधवार, अप्रैल 09 || पवित्र आत्मा के नेतृत्व के प्रति संवेदनशील रहें

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Apr 9
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः प्रेरितों 8ः 26-31


‘फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस से कहा, “उठ और दक्खिन की ओर उस मार्ग पर जा३ यह रेगिस्तानी मार्ग है३ वह उठकर चल दिया‘ - प्रेरितों 8ः27

देवदूत ने फिलिप्पुस को एक अजीब जगह, रेगिस्तान में जाने के लिए एक अजीब आदेश दिया, लेकिन आदेश के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया! यह हमें अब्राहम को अपना देश छोड़ने के लिए परमेश्वर के आह्वान की याद दिलाता है, जो उन्होंने विश्वास के द्वारा किया था। तो फिलिप्पुस ने कैसे प्रतिक्रिया दी? उसने तुरंत पवित्र आत्मा की आवाज का पालन किया। वह परमेश्वर के नेतृत्व के लिए तैयार था। जब हम पवित्र आत्मा के प्रति संवेदनशील होते हैं, तो हम उनके मार्गदर्शन का पालन कर सकते हैं, कभी-कभी आंतरिक आवाज के माध्यम से, या वचन के माध्यम से। फिलिप्पुस आत्मा के प्रति इतना संवेदनशील था कि वह न केवल इस बात में लचीला था कि पवित्र आत्मा उसे कहाँ ले जाएगा, बल्कि इस बात में भी लचीला था कि पवित्र आत्मा उसका उपयोग कैसे करेगा। फिलिप्पुस एक रोमांचक शहर और बढ़ती मण्डली से एक सुनसान रेगिस्तानी रास्ते और एक का मण्डली में चला गया! उसके लिए हतोत्साहित होना इतना आसान होता, “हे प्रभु, क्या आप सचमुच चाहते हैं कि मैं रेगिस्तान में जाऊँ? क्या मैंने स्वयं को व्यापक धर्म प्रचार कार्य के योग्य साबित नहीं किया है? यरूशलेम के उन प्रेरितों में से एक को गाजा रेगिस्तान भेजने के बारे में क्या ख़्याल है, क्योंकि वे मेरी तुलना में अधिक निकट हैं?” लेकिन फिलिप्पुस ने प्रभु की बात मानी और कहीं भी, कभी भी उनकी सेवा करने के लिए वह तैयार था। फिलिप्पुस स्व-नियंत्रित नहीं था, बल्कि पवित्र आत्मा नियंत्रित था। एक आत्मसंयमी व्यक्ति संभवतः सामरिया में रहना चाहता होगा जहाँ आत्माओं की फसल पक चुकी थी। लेकिन, फिलिप्पुस नहीं। वह आत्मा से भरपूर व्यक्ति था। (प्रेरितों 6ः3) और इसलिए उसने बिना किसी हिचकिचाहट के आत्मा की प्रेरणा का पालन किया।


प्रिय दोस्तों, यह अनुकरण के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। आइए हम पवित्र आत्मा के प्रति संवेदनशील बनें ताकि परमेश्वर हमें कहीं भी और किसी भी तरह से इस्तेमाल कर सके, जहां वे हमें ले जाए।

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मुझे हमेशा पवित्र आत्मा के प्रति संवेदनशील रहने दो। जब आप मुझे जाने के लिए कहते हैं तो मुझे कभी संदेह या डर नहीं होना चाहिए - यहां तक कि ‘‘रेगिस्तान‘‘ में भी, क्योंकि यह एक दिव्य नियुक्ति है और इसका एक दिव्य उद्देश्य है। आप जिस तरह चाहो मेरा उपयोग करो और जहाँ चाहो मुझे भेजो। आमीन

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