बुधवार, 23 अप्रैल || परमेश्वर की शक्ति से वचन का प्रचार करें
- Honey Drops for Every Soul
- Apr 23
- 2 min read
आत्मिक अमृत अध्ययनः 2 तीमुथियुस 1ः1-12
“क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ्य और प्रेम और संयम की आत्मा दी है।“ - 2 तीमुथियुस 1ः7
पमेश्वर ने हमें शक्ति, प्रेम और आत्म-अनुशासन क्यों दिया है? सुसमाचार को दुनिया भर ले जाने के लिए। द्वितीय तीमुथियुस 1ः7 में, पौलुस ने तीमुथियुस को प्रोत्साहित किया कि प्रभु ने उसे - डरने की भावना नहीं - बल्कि प्रेम की भावना दी है जो उसे मसीह के प्रेम को चारों ओर ले जाने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने स्वस्थ मन की भावना भी दी थी, ताकि वह सुसमाचार का प्रचार करने के लिए सही शब्दों का उपयोग कर सके। और सबसे बढ़कर, उन्होंने उसे विरोध और धमकियों के सामने दृढ़ और अविचल खड़े रहने की शक्ति की भावना दी थी।
प्रेरितों 4 में उल्लेख किया गया है कि कैसे पतरस और यूहन्ना को शासकों और कानून के शिक्षकों द्वारा यीशु के नाम पर बात न करने की आज्ञा दी गई और धमकी दी गई थी। लेकिन, इन प्रेरितों ने क्या किया? सभी प्रेरितों एक जगह एकत्र हुए और उन्होंने प्रार्थना की - और प्रार्थना की सामग्री काफी अद्भुत है! उन्होंने परमेश्वर से उपचार और मुक्ति के चमत्कार करने के लिए नहीं कहा, क्योंकि उन्हें यकीन था कि वे उनके कहे बिना भी ऐसा अवश्य करेंगे। लेकिन, वे जानते थे कि उनके वचन का प्रचार करने का साहस समय की मांग है। और चूँकि उन्हें ऐसा करने के लिए शक्ति की आवश्यकता थी, उन्होंने आगे बढ़ने के लिए परमेश्वर से उनकी आत्मा की शक्ति और ताकत मांगी। उन्होंने प्रार्थना की, ‘‘परमेश्वर, हमें आपका वचन बड़ी निर्भीकता के साथ बोलने में सक्षम करें।‘‘
प्रिय दोस्तों, क्या हमारी मानसिकता भी एक जैसी है? क्या हम ऐसे लोगों के साथ चलने के लिए तैयार हैं जिन्होंने धमकियों और उत्पीड़न के बीच साहसपूर्वक खुशखबरी की घोषणा की? या हमें शर्म आती है? हम उस कठिन परिस्थिति से डर सकते हैं जो हमें खतरे में डालती है, लेकिन पीछे हटने के बजाय, आइए हम परमेश्वर से कहें कि वे हमें आगे बढ़ने और आपके वचन का पालन करने के लिए मजबूत करें। निश्चित ही प्रभु स्थिति संभालेंगे। वे अपना हाथ आगे बढ़ायेंगेय उनके वचन की पुष्टि के लिए चमत्कार करेंगे।
प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, आपका वचन कहता है कि आपने भय की भावना नहीं दी है। इसलिए, जब भी मुझे आपके वचन का प्रचार करने में डर लगे, तो मुझे मजबूत करें। मुझे आपकी गवाही देने का साहस दीजिए, भले ही मुझे उपहास, धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़े। धन्यवाद। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।
Our Contact:
EL-SHADDAI LITERATURE MINISTRIES TRUST, CHENNAI - 59.
Office: +91 9444456177 || https://www.honeydropsonline.com
留言