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सोमवार, दिसंबर 09 || आत्मिक अमृत

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Dec 9, 2024
  • 2 min read

उठो, डरो मत, यीशु के बारे में बात करो!


“कि तू वचन का प्रचार कर, समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता और शिक्षा के साथ उलाहना दे और डाँट और समझा।“ - 2 तीमुथियुस 4ः2

पवित्र शास्त्र के समय के पैगम्बरों, पुजारियों में न केवल इस्राएल और यहूदा के, बल्कि मिस्र और अश्शूर के राजाओं को भी चेतावनी देने और सुधारने का असाधारण साहस था, जो इस्राएल के दुश्मन थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्हें प्रभु द्वारा बुलाया, चुना और पवित्र किया गया था और केवल प्रभु ने ही अकेले उन्हें ऐसा साहस दिया था। मूसा शुरू में बहुत अनिच्छुक था। जब प्रभु ने उसे मिस्र से इस्राएलियों का नेतृत्व करने के लिए बुलाया, तो उसने उन्हें बहुत सारे बहाने दिए, उनमें से एक यह था, ‘‘हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, ... मैं तो मुँह और जीभ का भद्दा हूँ।“ (निर्गमन 4ः10) ) परन्तु यहोवा ने मूसा को नहीं छोड़ा, उन्होंने उसे यह कहकर प्रोत्साहित किया, “मनुष्य का मुंह किसने बनाया है? ...मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? अब जाय मैं तेरे मुझ के संग होकर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊँगा।‘‘ (वचन 12) हम देखते हैं कि मूसा ने बहुत झिझक के साथ प्रभु की आज्ञा को स्वीकार कर लिया, लेकिन बाद में प्रभु ने उसका कितना शानदार उपयोग किया! वह प्रभु द्वारा दिए गए विश्वास के साथ मिस्र के राजा, फिरौन के सामने खड़ा हुआ और चमत्कार के बाद चमत्कार किया , इस प्रकार उसके जीवन में उसके लिए प्रभु का उद्देश्य पूरा हुआ। इसके बाद, जब प्रभु ने यिर्मयाह से कहा, ‘‘गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया ... मैंने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।‘‘ (यिर्मयाह 1ः4) उसने उत्तर दिया, ‘‘हाय, प्रभु यहोवा! देख, मैं तो बोलना भी नहीं जानता, क्योंकि मैं लड़का ही हूँ।‘‘ (वचन 6) फिर भी, प्रभु ने यिर्मयाह को नहीं छोड़ा बल्कि उन्होंने कहा, ‘‘तू उनके मुख को देखकर मत डर, क्योंकि तुझे छुड़ाने के लिये मैं तेरे साथ हूं ... उठय और जो कुछ कहने की मैं तुझे आज्ञा दूँ वहीं उनसे कह।‘‘ यिर्मयाह तुरंत मान गया, और बाद में उनके द्वारा इसका शक्तिशाली ढंग से उपयोग किया गया था।


प्रिय दोस्तों, हम एक पापी दुनिया में रहते हैं। प्रभु ने दयालुतापूर्वक हमें अपने पापों से बचाया है और हमें अपनी संतान बनने के लिए चुना है। उन्होंने हमें दुनिया में जाकर पाप में मर रहे लोगों को मुक्ति की खुशखबरी सुनाने की आज्ञा दी है। आइए हम प्रभु की आज्ञा का पालन करें, उन्हें सिखाएं, सुधारें और उस साहस के साथ प्रोत्साहित करें जो हमारे प्रभु ने हमें दिया है।

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मुझे अपने आस-पास के लोगों के पापपूर्ण तरीकों को इंगित करने के लिए अपना मुंह खोलने से डर लगता है। मैं उन्हें सुसमाचार बताने में असफल रहता हूँ हालाँकि कभी-कभी मुझे ऐसा करने का अवसर मिलता है। मैं क्षमा चाहता हूँ। मुझे निडर और आश्वस्त रहने दें क्योंकि आप मेरे साथ हैं। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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