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सोमवार, 29 सितंबर || सिर्फ विश्वास मत करोय भरोसा करो!

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Sep 29
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः प्रेरितों के काम 16ः 25-34


‘‘किसी को रथों का, और किसी को घोड़ों का भरोसा हैं, परंतु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे।‘‘ - भजन संहिता 20ः 7


 जब फिलिप्पियों के जेलर ने पौलुस और सीलास से यह सवाल पूछा, ‘‘हमें उद्धार पाने के लिए क्या करना चाहिए?‘‘ तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘प्रभु यीशु पर विश्वास करो और तुम उद्धार पाओगे।‘‘ विश्वास करने का क्या मतलब है? नई अंग्रेजी पवित्र शास्त्र कहती है, ‘‘प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।‘‘ दरअसल, ‘‘विश्वास‘‘ शब्द ‘‘सिर‘‘ - ‘‘बुद्धि‘‘ से जुड़ा हैय यह एक मानसिक प्रक्रिया है। लेकिन ‘‘भरोसा‘‘ शब्द ‘‘हृदय‘‘ से जुड़ा है। इसमें हमारे प्रयास शामिल नहीं हैं, और इसके लिए कार्रवाई की आवश्यकता है। ओसवाल्ड जे स्मिथ इसे इस उदाहरण के साथ खूबसूरती से समझाते हैंः नियाग्रा के विशाल झरने पर एक किनारे से दूसरे किनारे तक ग्यारह सौ फुट की एक पतली रस्सी खींची गई थी। अपने 40 पाउंड के डंडे को संतुलित करते हुए, दुनिया के सबसे महान रस्सी-चालक, चार्ल्स ब्लोंडिन, उस पर चले और वे विजयी भाव से अपना पैर दूसरे किनारे पर रखे। भीड़ को देखते हुए, उन्होंने एक आदमी को अपनी पीठ पर बिठाकर झरने को फिर से पार करने की पेशकश की। ‘‘क्या आपको विश्वास है कि मैं आपको पार ले जा सकता हूँ?‘‘ रस्सी-चालक ने एक आदमी से पूछा। ‘‘नहीं। मैं निश्चित रूप से आपकी तरह अपनी जान जोखिम में नहीं डाल सकता हूँ,‘‘ और उसने अपना मुँह फेर लेया। ‘‘और आपका क्या?‘‘ उसने अपने मैनेजर हेनरी कोलकॉर्ड से पूँछा। ‘‘मुझे विश्वास है, वास्तव में मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है।‘‘ 38 फुट का डंडा संतुलित हो गया और वे आगे बढ़ने लगे। जैसे ही वे दूसरी तरफ पहुँच रहे थे, किसी जुआरी ने रस्सी काट दी, और रस्सी डर के मारे हिलने लगी। ब्लोंडिन ने कोलकॉर्ड हेनरी से कहा, ‘‘तुम अब कोलकॉर्ड नहीं रहेय अब तुम ब्लोंडिन हो। मेरा हिस्सा बन जाओ। अगर मैं हिलूँ, तो मेरे साथ हिलो। संतुलन बनाने की कोशिश मत करना, वरना हम दोनों मर जाएँगे।‘‘ कोलकॉर्ड ने ब्लोंडिन की बात मान ली, और आखिरकार दोनों जमीन पर पहुँच गए, और दर्शक उत्साह से पागल हो गए। यही है भरोसा! 


प्रिय मित्रों, आप शायद मानते हों कि यीशु आपको स्वर्ग ले जा सकते हैं, लेकिन जब तक आप पहला कदम नहीं उठाते है और खुद को उनके प्रति समर्पित नहीं करते है, तब तक आप कभी भी दूसरे किनारे तक नहीं पहुँच सकते है। सिर्फ विश्वास मत करो। भरोसा करो। 
प्रार्थनाः हे स्वर्गीय पिता, मुझे सिर्फ अपने मन में ही विश्वास न करने दें कि आपका पुत्र यीशु मुझे बचाने आया है, बल्कि मुझे पूरे दिल से उन पर भरोसा करने दें। मुझे अपना सब कुछ उन पर डालने दें और उनसे चिपके रहने में मदद करें ताकि मैं सुरक्षित रूप से दूसरे किनारे तक पहुँचूँ। यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन। 

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