top of page

सोमवार, 23 दिसंबर || आत्मिक अमृत

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Dec 23, 2024
  • 2 min read

अध्ययनः1 पतरस 1ः17-23


यह दुनिया मेरा घर नहीं है। मैं बस वहां से गुजर रहा हूं


और वचन देहधारी हुआय और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किय३।“ - यूहन्ना 1ः14

शब्द ‘‘ड्वेल्ट‘‘ मूल शब्द ‘‘स्केनोस‘‘ से है। इसका शाब्दिक अर्थ है तंबू में निवास करना, अपना निवास स्थान बनाना, डेरा डालना। यीशु, जो पूरी तरह से परमेश्वर और पूरी तरह से मनुष्य है, जो शाश्वत वचन हैं, लोगोस ने मनुष्यों के बीच अपना निवास स्थान बनाया। क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है? पवित्र शास्त्र में तीन प्रकार के लोग तंबू में रहते थे - चरवाहे, प्रवासी और सैनिक। वे तम्बुओं में रहते थे क्योंकि वे कभी भी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं टिकते थे। यीशु पृथ्वी पर 33 वर्षों तक अपनी मानवता के ‘‘तम्बू‘‘ में रहे क्योंकि वे भी एक चरवाहे, प्रवासी और सैनिक थे। वे एक अच्छे चरवाहा बनकर आये, वे आत्माओं को बचाने के लिए स्वर्ग से नीचे आये, वे शैतान को हमेशा के लिए हराने के लिए हमारे उद्धार के कप्तान के रूप में आये। यीशु परमेश्वर की ओर से एक मिशन पर आये। जब उनका मिशन पूरा हो गया तो वे स्वर्ग वापस चले गये। 


	तंबू मानव शरीर के लिए एक उपयुक्त रूपक है, जो शाश्वत आत्मा के लिए एक अस्थायी घर है। वह अस्थायी तम्बू जिसमें एक ईसाई अब रहता है, एक दिन स्वर्ग में एक शाश्वत अविनाशी शरीर से बदल दिया जाएगा। (1 कुरिन्थियों 15ः42) परमेश्वर की दृष्टि में हम परदेशी और अजनबी हैं, जैसे हमारे सभी पूर्वज थे। (1 इतिहास 29ः15, भजन संहिता 119ः19) दूसरे शब्दों में, ईसाई इस दुनिया में एक प्रवासी है। उसके लिए जीवन अनंत काल की छाया में रहता है। वह हर समय सोचता है कि वह कहाँ जा रहा है - परमेश्वर के पास जो उसका पिता भी है और न्यायाधीश भी है। इस दुनिया में जीवन अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह जीवन से परे की ओर ले जाता है। इसलिये आओ हम परदेशियों और बन्धुओं के समान रहें, और उन पापपूर्ण अभिलाषाओं से बचे रहें जो हमारी आत्मा के विरुद्ध युद्ध छेड़ती हैं। आइए हम श्रद्धा से जीएं, क्योंकि इसकी कीमत बहुत अधिक है। इसका मूल्य अत्यधिक हैय इसे बर्बाद या फेंका नहीं जा सकता है। 

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, आप इस दुनिया में आए और एक प्रवासी के रूप में रहे। आप अपना मिशन पूरा करने के बाद स्वर्ग में पिता के पास गये। मैं भी इस अस्थायी दुनिया में एक विदेशी के रूप में श्रद्धा का जीवन जीने की इच्छा करूं और उसके बाद आपके शाश्वत साम्राज्य तक पहुंचूं। आमीन

Our Contact:

EL-SHADDAI LITERATURE MINISTRIES TRUST, CHENNAI - 59.

Office: +91 9444456177 || https://www.honeydropsonline.com

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page