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शुक्रवार, 27 दिसंबर || आत्मिक अमृत

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Dec 27, 2024
  • 2 min read

हाँ प्रभु! आपके तरीके हमेशा सर्वोत्तम होते हैं!


क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है ।“- यशायाह 55ः9

कभी-कभी हम पाते हैं कि हमारी प्रार्थनाओं के उत्तर हमेशा वे उत्तर नहीं होते है जो हमारा दिल चाहता है। वे हमारी अपेक्षाओं के बिल्कुल विपरीत हो सकते हैं। ह्यू प्राइस ह्यूज विद्वान मन के व्यक्ति थे। जब, एक युवा व्यक्ति के रूप में, उन्होंने परमेश्वर से अपने करियर के बारे में दिशा-निर्देश मांगा, तो प्रभु ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि तुम सुसमाचार के प्रचारक बनो।‘‘ ह्यूज काफी चैंक गया क्योंकि उसने इसकी उम्मीद नहीं की थी। उन्हें तुरंत एहसास हुआ कि सुसमाचार प्रचार के बुलावे का क्या मतलब है - कम आय, विद्वतापूर्ण अनुसंधान के आनंद का परित्याग, इत्यादि। उन्हें दैवीय आह्वान प्राप्त करने और उसके साथ तालमेल बिठाने में कुछ समय लगा, लेकिन एक बार ऐसा होने के बाद, वह एक शक्तिशाली उपदेशक और परमेश्वर के पसंदीदा सेवक बन गए। श्रीमती ह्यू प्राइस ह्यूज से एक बार पूछा गया कि उनके पति ने अब तक का सबसे बड़ा बलिदान क्या दिया है, और उन्होंने जवाब दिया, ‘‘वे एक विद्वान हो सकते थे, लेकिन उन्होंने परमेश्वर के अधीन सुसमाचार का एक साधारण प्रचारक बनना चुना।‘‘ 


ईसाई जीवन में यह कोई असामान्य अनुभव नहीं है - ऐसा उत्तर मिलना जिसकी हम अपेक्षा नहीं करते है। आज के पाठ में हमने हबक्कूक के बारे में पढ़ा जो चाहता था कि प्रभु इस्राएल को दंडित करें और पुनर्जीवन भेजें। निःसंदेह उसकी प्रार्थना का उत्तर मिल गया, लेकिन जैसा उसने अपेक्षा की थी वैसा नहीं। जब प्रभु ने घोषणा की कि वह अपने लोगों को दंडित करने के लिए दक्षिणी बेबीलोनिया की एक जनजाति, दुष्ट और क्रूर कसदियों का उपयोग करने वाला था, हबक्कूक आश्चर्यचकित रह गया। अंत में, अध्याय 3 में, हम उसे परमेश्वर के तरीकों को स्वीकार करते हुए देखते हैं। वचन 2 में वह कहता है, ‘‘हे यहोवा, वर्तमान युग में अपने काम को पूरा करय,‘‘ और वचन 17 और 18 में वह कहता है, ‘‘क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें३तौभी मैं यहोवा के कारण आनंदित और मगन रहूँगा।“ प्रिय दोस्तों, कभी-कभी परमेश्वर के तरीकों को समझना बेहद मुश्किल हो सकता है, लेकिन चूंकि उनके तरीके हमेशा अच्छे होते हैं, आइए हम उन्हें वैसे ही स्वीकार करें जैसे वे हैं। आमीन।

प्रार्थनाः प्यारे पिता, हालाँकि जो उत्तर मुझे आपसे मिलते हैं वे कभी-कभी मेरी अपेक्षा के विपरीत होते हैं, मैं चुनाव आप पर छोड़ता हूँ क्योंकि आप हमेशा मुझे सर्वश्रेष्ठ देते हैं। हबक्कूक की तरह खुशी से आपके तरीकों को स्वीकार करने में मेरी मदद करें, और उसके साथ कहें, ‘‘...फिर भी मैं यहोवा के कारण आनंदित और मगन रहूँगा।‘‘ यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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