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शनिवार, जुलाई 19 || एक जीवित उद्धारक

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Jul 19
  • 2 min read

आत्मिक अमृत अध्ययनः अय्यूब 19ः 23-27



“मुझे तो निश्चय है कि मेरा छुड़ानेवाला जीवित है,‘‘ - अय्यूब 19ः 25

         

अय्यूब अपने बड़े नुकसान और दिल के दर्द के बीच में ये सकारात्मक शब्द कैसे कह पाये? इस महत्वपूर्ण समय में उसे प्रोत्साहित करने वाले सभी लोगों ने उसे निराश कर दिया था। यहाँ तक कि उसकी पत्नी ने भी उसे हतोत्साहित किया था। अय्यूब अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया था। फिर भी उसने उम्मीद नहीं छोड़ी और उसने अपना विश्वास व्यक्त किया कि उसके पास एक उद्धारकर्ता है जो जीवित है, और जो एक दिन उसके और परमेश्वर के बीच सब कुछ ठीक कर देगा।

       

प्रिय मित्रों, हम शायद दुख के मार्ग पर चल रहे होंगे। हमें आशा नहीं खोनी चाहिए, बल्कि प्रोत्साहित होना चाहिए क्योंकि हमारा उद्धारकर्ता यीशु मरा नहीं है। वे जीवित है। वे पिता के दाहिने हाथ पर विराजमान है और वे हमारे लिए मध्यस्थता करने के लिए वहाँ रहते है। हमारे पास स्वर्ग में एक मित्र है जिसके पास हम दिन-रात जा सकते हैं, अपने पापों को स्वीकार कर सकते हैं, अपने दिल की बात बता सकते हैं, अपनी विनती कर सकते हैं, मदद माँग सकते हैं - और वे हमारी मदद करेंगे। इस वजह से, हम अय्यूब की तरह कह सकते हैं, ‘‘मेरा छुड़ानेवाला जीवित है!‘‘ जीवित उद्धारकर्ता में अय्यूब के विश्वास के भरोसे पर ध्यान दें। उसने यह नहीं कहा, ‘‘मैं चाहता हूँ‘‘ कि मेरा उद्धारकर्ता जीवित रहे, या ‘‘मैं आशा करता हूँ‘‘ कि मेरा उद्धारकर्ता जीवित रहे, बल्कि उसने कहा, ‘‘मैं जानता हूँ‘‘ कि मेरा उद्धारकर्ता जीवित है। यह उसका दृढ़ विश्वास और भरोसा था। इस छोटे से अंश में दो बार, अय्यूब ने अपने विश्वास पर जोर दिया कि वह परमेश्वर को देखेगा - वचन 26 में, अपनी खाल के इस प्रकार नष्ट हो जाने के बाद भी, मैं शरीर में होकर परमेश्वर का दर्शन पाऊँगा‘‘ वचन 27 में, ‘‘उसका दर्शन मैं आप अपनी आँखों से अपने लिये करूँगा, और कोई दूसरा नहीं।“ क्या आपको भी ऐसा ही विश्वास है? क्या आप जानते हैं कि हमारा उद्धारक जीवित है, और क्या आपने अपने दैनिक जीवन में उनकी पुनरुत्थान शक्ति का अनुभव किया है? क्या आपको यह आश्वासन है कि एक दिन आप उन्हें दूसरी तरफ आमने-सामने देखेंगे?

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, आज हम आपको हमारे उद्धारक के रूप में स्तुति करते हैं। जैसे-जैसे मैं परीक्षणों और कठिनाइयों से गुजरता हूँ, मुझे अपने उद्धारक के रूप में आप पर भरोसा रखने में मदद करें, चाहे मेरे रास्ते में कुछ भी आए। और मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि एक दिन मैं आपको अपनी आँखों से देखूँगा, जब मेरे सारे दुख खुशी में बदल जाएँगे। आमीन

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