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बुधवार, 06 नवंबर आत्मिक अमृत

  • Writer: Honey Drops for Every Soul
    Honey Drops for Every Soul
  • Nov 6, 2024
  • 2 min read

अध्ययनः लूका 13ः 1-5


परमेश्वर पश्चाताप करने वाले को क्षमा कर देता है

“जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उनको मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।“ (नीतिवचन 28ः13)

इस पाठ में, कुछ यहूदियों ने यीशु को कुछ गैलिलियों के बारे में बताया जिनका खून पीलातुस ने उनके बलिदानों में मिलाया था। उन्होंने इस धारणा के साथ यीशु को इसकी सूचना दी कि पिलातुस ने जिन लोगों की हत्या की थी वे पापी थे। और उनका अभिप्राय यह था कि वे स्वयं धर्मी थे। लेकिन, हम पढ़ते है कि यीशु ने उत्तर में कुछ ऐसा कहा जो चैंकाने वाला और अप्रत्याशित था। उन्होंने कहा, “क्या तुम्हें लगता है कि ये गलीली अन्य सभी गलीलियों से अधिक पापी थे क्योंकि उन्हें इस प्रकार कष्ट सहना पड़ा? मैं तुमसे कहता हूँ, “नहीं!” और फिर उन्होंने उन्हें शक्तिशाली चेतावनी दी। ‘‘मैं तुमसे कहता हूं, जब तक तुम पश्चाताप नहीं करोगे, तुम भी नष्ट हो जाओगे।‘‘ यीशु ने तब उनका ध्यान जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर केंद्रित किया - कि सभी लोग पापी हैं जिन्हें उद्धारकर्ता की आवश्यकता है। केवल अन्यजाति ही नहीं, यहाँ तक कि यहूदी भी जो स्वयं को परमेश्वर के चुने हुए मानते थे दृ वे भी पापी हैं। पापी विपत्तियों से बच सकते हैं, लेकिन जब तक वे पश्चाताप नहीं करते है तब तक वे परमेश्वर के न्याय से नहीं बच सकेंगे। जो जीवित हैं वे जीवित हैं क्योंकि यद्यपि वे मरने के योग्य हैं, परमेश्वर दया के समय के लिए उसे रोक देते है, जिसके वे पात्र हैं। वे उनके प्रति दयालु, कृपालु और धैर्यवान है, वे नहीं चाहते कि कोई भी नष्ट हो, बल्कि हर कोई पश्चाताप करे। (2 पतरस 3ः9)


	प्रिय दोस्तों, पवित्र शास्त्र स्पष्ट रूप से कहता है कि वास्तविक नरक है जहां सभी पश्चाताप न करने वाले पापियों को अनंत काल तक पीड़ा झेलनी पड़ेगी। पवित्र शास्त्र यह भी बताता है कि पापी को तब बचाया जा सकता है जब वह पश्चाताप करता है और परमेश्वर को पुकारता है। यीशु सभी पापियों को नष्ट होने से बचाने आये। यदि आपने कभी भी अपने पापों से पश्चाताप नहीं किया है और यीशु को स्वीकार नहीं किया है, तो आपको एक और मौका दिया जाता है जब परमेश्वर दयालु, लंबे समय तक कष्ट सहने वाले और धैर्यवान है। जबकि वे दूसरे मौके के परमेश्वर है, किसी समय वे आखिरी मौके का परमेश्वर बन जायेंगे। इसलिए विलंब न करें। अब पश्चाताप करो और मेल-मिलाप करो। 

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मैं अपने पापों को आपसे न छिपाऊं। मुझे माफ कर दो क्योंकि मैं खुद को नम्र कर रहा हूँ और पश्चाताप कर रहा हूँ। यीशु के लहू से मुझे शुद्ध करो। मुझे शाश्वत निंदा का सामना न करना पड़े और आपकी कृपा जो मेरे लिए निःशुल्क उपलब्ध है, उसे प्राप्त किए बिना मैं नष्ट न हो जाऊं। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

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